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(Recommended Course duration: 2 Months)
Rs. 840.00/-
India's most Trusted 100% Ayurvedic Formulation


पाइल्स सोल किट किसे उपयोग करना चाहिए
Pilessol Kit | Get Relief From Piles Naturally | Shrink Piles Lumps & Mass and Treats Constipation | 100% Natural




पाइल्स सोल कैप्सूल में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ जैसे रसोंट, जिमीकंद, रीठा भस्म, खून खराबा, चिरायता, मंडूर भस्म आदि शामिल हैं जो सभी प्रकार के बवासीर और फिशर को ठीक करने के लिए एक आदर्श सूत्रीकरण है। रीठा भस्म रक्तस्राव को रोकने और मलाशय की नसों की मरम्मत करने में लाभकारी है। रसोंट बवासीर में सूजन को कम करता है और बवासीर के द्रव्यमान को कम करता है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मलाशय के अंदर या बाहर की नसों की सूजन की स्थिति को दूर करने में मदद करते हैं। जिमीकंद एक प्रभावी अर्शरी (बवासीर का दुश्मन) है जो सूजन, दर्द से लड़ने में मदद करता है



बवासीर होने के कई कारण हो सकते हैं इनमें सबसे आम कारण कब्ज है, मल त्याग के दौरान अत्यधिक जोर लगाने से गुदा के आसपास की नसों पर दबाव पड़ता है और बवासीर हो सकता है, सख्त मल त्याग से गुदा की त्वचा में दरार पड़ सकती हैं, पाचक जीवन चूर्ण में कब्ज के उपचार के लिए प्राकृतिक तत्व होते हैं, क्योंकि इसमें मल को नरम करने की क्षमता होती है जो मल त्याग को अधिक सुसंगत बनाता है और सूखे, कठोर और गांठदार मल को रोकने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को साफ करता है और स्वस्थ पोषण को बढ़ावा देता है। ये सक्रिय जड़ी-बूटियाँ नियमित मल त्याग का समर्थन करते हुए आपकी आंतों को साफ करने में मदद करने के लिए तालमेल में काम करती हैं। यह प्राकृतिक पाचन रस प्रवाह को संतुलित करता है और शानदार रेचक के रूप में काम करता है।



ईजी केयर कैप्सूल जो पाचन संबंधी सभी समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार प्रदान करता है। इसमें “चिरायता” होता है जिसमें रेचक गुण होते हैं और यह पाचन तंत्र से संबंधित विभिन्न समस्याओं जैसे गैस्ट्राइटिस, अपच, पेट में गैस का जमा होना, पेट फूलना, सीने में जलन और पेट दर्द में सहायक होता है। तीखे और कड़वे गुणों वाले आयुर्वेदिक सप्लीमेंट के रूप में रसना पाउडर पाचन और चयापचय को उत्तेजित करके पाचन में सहायता करता है। निशोथ मल त्याग को बढ़ाता है और मल को आसानी से बाहर निकालने में मदद करता है। अर्जुन की छाल अग्नि (पाचन) को बेहतर बनाने में मदद करती है क्योंकि अग्निमांद्य (कमजोर पाचन अग्नि) अपच का कारण बनती है।



Quality Medicines in Piles Sol Kit

यही कारण है कि पाइल्स सोल किट बवासीर के समाधान के लिए एक शक्तिशाली सूत्रीकरण है
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How should you use Piles Sol kit for best results ?
सर्वोत्तम परिणामों के लिए आपको पाइल्स सोल किट का उपयोग कैसे करना चाहिए?

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Diet recommendation for your piles treatment
बवासीर के उपचार के लिए आहार संबंधी सुझाव
"बवासीर को रोकने और इसे मैनेज करने के लिए आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप अपने आहार में बदलाव नहीं करते हैं, तो इसके कारण आपके लक्षण गंभीर हो जाएंगे, जिससे आपका जीवन और भी अधिक कष्टदायक हो जाएगा। "
यदि आप अपने आहार में फाइबर को जोड़ते हैं, तो मल त्याग में असहजता कम होती है, और मल त्याग के दौरान आपको अधिक जोर भी नहीं लगाना पड़ता है।
✅ पर्याप्त मात्रा में पानी पिए : पानी पीने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बड़ी आसानी से आँतों से होकर निकल जाते हैं। बवासीर है तो दिन में 4-5 लीटर पानी पिएं।
✅ हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ खाएं - हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ पाचन तंत्र को सुधारने का काम करती हैं और आंतों को भी साफ़ करती हैं। इसलिए भरपूर मात्रा में पालक, गाजर, पत्ता गोभी, खीरा, ब्रोकली आदि का सेवन करें।
✅ अनाज में जौ, ज्वार, पुराना चावल, गेंहू, लाल चावल, रागी, मूंग खा सकते हैं।
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✅ भीगे हुए अखरोट और बादाम, अंजीर, मुनक्का खाएं।
✅ छाछ पिएं - छाछ नसों को शांत करता है जिससे ठंडक महसूस होती है और इसके सेवन से सूजन भी दूर होती है। अदरक, हल्दी, और अजवाइन जैसे मसाले पाचन को दुरुस्त करते हैं और सूजन कम करने में सहायक होते हैं।
✅ ईसबगोल की भूसी - इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो कब्ज़ से छुटकारा दिलाते हैं।
✅ दही खाएं - अगर गुदा क्षेत्र में सूजन है तो दही ज़रूर खाएं।
कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ: वाइट ब्रेड, सफेद चावल और पेस्ट्री जैसी चीज़ें कब्ज का कारण बन सकती है। मिर्च-मसाले वाला या मसालेदार भोजन न खाएं - मिर्च-मसाले बवासीर में दर्द और जलन को बढ़ाते हैं और पेट में बेचैनी पैदा करते हैं। शराब या सिगरेट न पिएं – शराब पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसके कारण मल सख्त हो जाता है। सिगरेट गुदा में रक्त प्रवाह को बढ़ा देती है जिससे प्रेशर पड़ता है। रेड और प्रोसेस्ड मीट: इनमें फाइबर की मात्रा कम होती है और इन्हें पचाना मुश्किल हो सकता है, जिससे मल त्याग में भी समस्या होती है। बादी चीजों से परहेज कीजिए सब्जियों में कटहल, भिंडी, अरबी, कद्दू, बैगन से परहेज करें, ज्यादा मिर्च मसाले वाला भोजन, खट्टी चीज, अचार से परहेज करें मैदे से बना आइटम जैसे पिज़्ज़ा, चाऊमीन, मोमोज, बर्गर, समोसे से परहेज करे

अदरक और लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और अन्य लाभ होते हैं जो बवासीर में आपकी मदद कर सकते हैं। यह रक्त वाहिकाओं को आराम देकर सामान्य ब्लड-प्रेशर को बनाए रखने में भी मदद कर सकता है।
घी आवश्यक फैटी एसिड का एक बड़ा स्रोत है। यह पाचन तंत्र को चिकनाई देता है, जिससे मल त्याग करना आसान हो जाता है।
नींबू के एंटीऑक्सीडेंट गुण जो आपको रक्त वाहिकाओं को मजबूत करके बवासीर से राहत दिला सकते हैं। इसलिए लेमन टी पाइल्स के लिए मददगार हो सकती है,
बवासीर खूनी हो या बादी कच्ची मूली खाने और इसका रस पीने से राहत मिलती है। एक बार में मूली का रस 25 से 50 ग्राम मात्रा तक ले सकते है।
बवासीर में वादी सब्जियां जैसे कद्दू, कटहल, बैगन, भिंडी, अरबी आदि सब्जियों से परहेज करना चाहिए
व्यायाम करना आपकी पाचन शक्ति में सुधार ला सकता है भोजन के तुरंत बाद लेटने से बच्चे खाने के बाद 5 से 10 मिनट की हल्की चहल कदमी करने से पाचन प्रक्रिया में मदद मिलती है
सर्वांगासन, बालासन, पवनमुक्तासन, मालासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन जैसे योगासन बवासीर में लाभकारी हैं